
भारतीय कप्तान शुभमन गिल का मानना है कि अगर किसी देश की टेस्ट क्रिकेट की बुनियाद मज़बूत है, तो उसकी वनडे और टी20 टीमें अपने आप बेहतर होती हैं — इसका उल्टा नहीं होता। हालांकि, उन्होंने यह कहने से परहेज़ किया कि वेस्टइंडीज जैसी टीमों की गिरती हालत को देखते हुए टेस्ट क्रिकेट में टू-टियर सिस्टम जरूरी है या नहीं।
पिछले 20 सालों में कैरेबियाई क्रिकेट का स्तर काफी गिरा है। टी20 लीग्स के बढ़ते ग्लैमर और पैसों के कारण वहां के बड़े खिलाड़ी फ्रीलांसिंग की राह पकड़ चुके हैं, जिससे टेस्ट (रेड-बॉल) खिलाड़ियों की गुणवत्ता तेज़ी से घटी है।
पहले टेस्ट में अहमदाबाद में वेस्टइंडीज को पारी और 140 रनों से हराने के बाद गिल से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि टेस्ट क्रिकेट के लिए टू-टियर सिस्टम जरूरत बन चुका है? गिल ने सीधे इस संरचना पर बात नहीं की, बल्कि मज़बूत नींव की अहमियत पर ज़ोर दिया।
गिल ने दिल्ली में दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, “ये आईसीसी का फैसला होगा कि टू-टियर सिस्टम होना चाहिए या नहीं। लेकिन एक क्रिकेटिंग नेशन के तौर पर, अगर आपकी रेड-बॉल की बेस मज़बूत है, तो आप ऑटोमैटिकली वनडे और टी20 में अच्छा करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया — किसी भी टीम को देख लीजिए, अगर उनकी टेस्ट टीम मज़बूत है, तो नैचुरली उनकी वनडे और टी20 टीम भी अच्छी होती है।”
वेस्टइंडीज पर बिना नाम लिए गिल ने कहा, “शायद उनके खिलाड़ियों का फोकस टी20 और लीग्स पर ज्यादा है। जब आपका फोकस वहीं होता है और आप उस बेस को भूल जाते हैं जहाँ से क्रिकेट शुरू हुई, तो किसी भी देश की मुश्किलें वहीं से शुरू होती हैं।”
गिल का मानना है कि भारत की क्रिकेट संरचना और स्पष्ट प्राथमिकताओं ने उसे दूसरों से अलग खड़ा किया है।
उन्होंने कहा, “अगर आप टेस्ट फॉर्मेट में अच्छा कर रहे हैं, तो ये नैचुरल है कि वनडे और टी20 में भी आपकी टीम अच्छी होगी। बेस अच्छा होगा तो विकल्प भी अच्छे होंगे।”
जब उनसे पूछा गया कि कमजोर विपक्ष के कारण खिलाड़ियों की तीव्रता पर फर्क पड़ता है क्या, तो गिल ने तुरंत जवाब दिया, “मुझे नहीं लगता कि आपकी इंटेंसिटी विपक्ष पर निर्भर करती है। हम किसी के भी खिलाफ खेलें, हम अपनी इंटेंसिटी पर खेलना चाहते हैं और जीतना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “जब आप भारत के लिए खेलते हो, तो बाहर से मोटिवेशन की जरूरत नहीं होती। फर्क नहीं पड़ता सामने कौन है, हमें अपने ही स्टैंडर्ड्स को बनाए रखना है।”








