रोहित शर्मा और विराट कोहली की नज़र 2027 विश्व कप पर, रवि शास्त्री ने बताए अहम फ़ैक्टर!

पूर्व भारतीय मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली की 2027 वनडे विश्व कप में खेलने की उम्मीदें तीन चीज़ों पर निर्भर करती हैं — फॉर्म, फिटनेस और भूख (हंगर)। आने वाली ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ इन तीनों की परीक्षा होगी।

63 वर्षीय शास्त्री, जिन्होंने 2017 से 2021 तक टीम इंडिया को कोच किया, का कहना है कि दोनों वरिष्ठ खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ जीतकर अपनी जगह पक्की करनी होगी। भारत की तीन मैचों की वनडे सीरीज़ 19 अक्टूबर से पर्थ में शुरू हो रही है, जिसमें रोहित और कोहली दोनों शामिल हैं।

शास्त्री ने सिडनी में कियो स्पोर्ट्स के ‘समर ऑफ क्रिकेट’ लॉन्च के दौरान cricket.com.au से कहा: “इसीलिए वो यहां हैं (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ खेलने)। वो अभी मिक्स का हिस्सा हैं। सब निर्भर करता है उनकी फिटनेस, भूख और फॉर्म पर। यह सीरीज़ बहुत अहम होगी देखने के लिए कि वो कैसे खेलते हैं। इस सीरीज़ के अंत तक वो खुद समझ जाएंगे कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं, और फिर फ़ैसला उनका होगा।”

दो साल बाद होने वाले विश्व कप के लिए यह साफ़ नहीं है कि क्या दोनों टीम इंडिया की लॉन्ग-टर्म योजनाओं में फिट बैठते हैं, क्योंकि अब वे सिर्फ़ वनडे क्रिकेट खेलते हैं। तब तक विराट 38 और रोहित 40 साल के हो जाएंगे। हाल ही में शुभमन गिल ने रोहित की जगह वनडे कप्तानी संभाली है।

रोहित और कोहली ने आखिरी बार इस साल फरवरी में भारत के लिए खेला था, जब टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। रोहित फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे और कोहली शीर्ष पांच बल्लेबाज़ों में शामिल थे, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।

शास्त्री ने आगे कहा: “ऑस्ट्रेलिया के लिए भी यही बात स्टीव स्मिथ पर लागू होती है, जिन्होंने मार्च में वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया था। उस उम्र में आपको खेल का आनंद लेना होता है और भूख बरकरार रखनी होती है।

लेकिन बड़े मैचों में अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता, जैसा हमने चैंपियंस ट्रॉफी में देखा। बड़े मैच आते हैं, तो बड़े खिलाड़ी ही सामने आते हैं।”

शास्त्री का मानना है कि लाल गेंद की तुलना में भारत सफ़ेद गेंद वाली क्रिकेट में कहीं ज़्यादा मज़बूत है।

“भारत सफेद गेंद क्रिकेट में लाल गेंद से ज्यादा मज़बूत है। रोहित शर्मा, विराट कोहली जानते हैं कि युवा खिलाड़ी उन्हें चैलेंज कर रहे हैं।”

उन्होंने हाल ही के एशिया कप फाइनल में तिलक वर्मा की पारी को भारत की युवा ताकत का उदाहरण बताया।

“(तिलक) वर्मा की वो पारी शानदार थी। दबाव में वैसा खेलना काबिले तारीफ़ है। अच्छे युवा खिलाड़ी हैं – यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, तिलक वर्मा।”

“और ऑलराउंडर्स भी हैं – हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे और अक्षर पटेल। इसलिए यह एक मज़बूत सफेद गेंद वाली टीम है।”