‘भगवान ने मुझे भेजा है…’: प्रतिभा रावल की चोट के बाद टीम में शामिल होने पर शैफाली वर्मा ने कही दिल की बात!

टीम इंडिया की युवा स्टार शैफाली वर्मा ने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें अपनी साथी खिलाड़ी प्रतिभा रावल की चोट के चलते अचानक टीम में बुलाया जाएगा। लेकिन उनका मानना है कि शायद यह ईश्वर की मर्जी थी, जिसने उन्हें वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका दिलाया — जबकि वह न तो मुख्य टीम में थीं और न ही आधिकारिक रिजर्व खिलाड़ियों में।

जब बांग्लादेश के खिलाफ ग्रुप लीग मैच के दौरान फील्डिंग करते वक्त प्रतिभा रावल के टखने में हल्का फ्रैक्चर हुआ, तब हरियाणा की कप्तान के रूप में शैफाली वर्मा सूरत में नेशनल वुमेन्स T20 टूर्नामेंट खेल रही थीं। अचानक मुंबई से SOS कॉल आने पर उन्हें टीम से जुड़ना पड़ा।

शैफाली ने मीडिया से कहा, “जो प्रतिभा के साथ हुआ, एक खिलाड़ी के तौर पर वो अच्छा नहीं था। कोई भी नहीं चाहता कि किसी खिलाड़ी को चोट लगे। लेकिन भगवान ने मुझे यहां भेजा है ताकि मैं कुछ अच्छा कर सकूं।”

हरियाणा के लिए अपने हालिया मैच में शैफाली ने 24 गेंदों में 55 रन बनाए थे। इससे पहले उन्होंने इंडिया A की तरफ से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी शानदार प्रदर्शन किया था।

21 वर्षीय शैफाली 2020 में ऑस्ट्रेलिया में हुए T20 वर्ल्ड कप फाइनल में खेल चुकी हैं, इसलिए बड़े मंच का अनुभव उन्हें पहले से है। हालांकि उनके WODI रिकॉर्ड साधारण हैं — 29 मैचों में औसत सिर्फ 23 और चार हाफ-सेंचुरी — लेकिन उनका आत्मविश्वास बरकरार है।

उन्होंने कहा, “मैं डोमेस्टिक क्रिकेट खेल रही थी और अच्छे टच में थी। सेमीफाइनल मेरे लिए कोई नई चीज नहीं है क्योंकि मैं पहले भी ऐसे मैच खेल चुकी हूं। ये इस बात पर निर्भर करता है कि मैं खुद को मानसिक रूप से कितना क्लियर रखती हूं और अपने आत्मविश्वास को बनाए रखती हूं।”

शैफाली अब भी 50 ओवर फॉर्मेट के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश में हैं, जो उनके लिए T20 से ज्यादा मुश्किल है — जबकि उन्होंने भारत के लिए 90 T20 मैच खेले हैं और 131 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।

उन्होंने कहा, “मैं T20 खेल रही थी, तो एक बल्लेबाज के तौर पर 50 ओवर में स्विच करना आसान नहीं है। लेकिन हमने कल और आज दोनों दिन प्रैक्टिस की। मैंने कोशिश की कि बैटिंग के दौरान शांत रहूं, अच्छे बॉल्स को ग्राउंड शॉट में खेलूं और जो मेरी रेंज में हों, उन्हें पूरे भरोसे से मारूं। पिछले दो दिनों में लंबा बैटिंग सेशन किया और अच्छा लगा कि जो सोच रही थी, वो सब कर पाई।”

बीते कुछ सालों में वह अपनी अनियमित फॉर्म के कारण टीम में आती-जाती रही हैं, लेकिन जब वह दोबारा टीम से जुड़ीं, तो सभी ने उन्हें गर्मजोशी से स्वागत किया।

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “जब मैं टीम में शामिल हुई तो सबने बहुत अच्छे से वेलकम किया। कोच, कप्तान और स्मृति दी ने भी कहा कि मुझे अपना नेचुरल गेम खेलना है। घबराने की जरूरत नहीं है। जब इतनी आजादी मिलती है, तो मैं अच्छे बॉल्स को सम्मान दूंगी और जो मेरी हिटिंग लेंथ में हों, उन्हें जरूर मारूंगी।”

शैफाली जानती हैं कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह मुकाबला कितना बड़ा है, क्योंकि वह पहले भी उनके खिलाफ कई बार खेल चुकी हैं।

“मैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई मैच खेल चुकी हूं, इसलिए अब आकलन करने की जरूरत नहीं है। मैं जानती हूं उनके बॉलर कैसे गेंदबाजी करते हैं। मुझे अपने स्ट्रेंथ पर भरोसा रखना है क्योंकि वो पूरी ताकत से आएंगी और हमने भी पूरी तैयारी की है। अब हम सेमीफाइनल में हैं और सब जानते हैं कि यहां हमें 200 प्रतिशत देना होगा। यह नॉकआउट है, दोबारा मौका नहीं मिलेगा — इसलिए हर कोई अपना बेस्ट देने की कोशिश करेगा।”