
मेलबर्न में शुक्रवार को खेले गए कठिन टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले के बाद भारतीय युवा ओपनर अभिषेक शर्मा ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में अतिरिक्त बाउंस और अनुशासित गेंदबाज़ी ने भारतीय बल्लेबाजों को चौंका दिया।
अभिषेक, जो ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा खेल रहे थे, ने कहा कि भले ही भारतीय बल्लेबाजों को तेज़ी और उछाल की उम्मीद थी, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों ने जिस तरह हालात का फायदा उठाया, वह अप्रत्याशित था।
बाएं हाथ के इस ओपनर ने शानदार 68 रनों की पारी खेली और भारत के लिए शीर्ष स्कोरर रहे, हालांकि टीम को ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट से मात दी।
“चुनौती ये थी कि हममें से कई खिलाड़ी, मैं भी, पहली बार यहां खेल रहे थे। हमें पता था कि यहां बाउंस और पेस ज़्यादा होगा, लेकिन उन्होंने जिस अनुशासन के साथ गेंदबाज़ी की, उसने हमें चौंका दिया,” अभिषेक ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा।
“उनकी लाइन और लेंथ बेहतरीन थी, इसके लिए उन्हें श्रेय देना होगा।”
अभिषेक ने बताया कि जैसे-जैसे विकेट गिरने लगे, टीम को अपनी आक्रामक टॉप-ऑर्डर रणनीति में बदलाव करना पड़ा।
“हमारी योजना थी कि शुरुआत से ही हावी रहें, लेकिन शुरुआत में विकेट गिरने से सब कुछ बदल गया। जब आपके सामने विकेट गिर रहे हों, तो कोई भी बल्लेबाज़ हो, उसे टीम के लिए खेलना पड़ता है। विकेट मुश्किल था, शॉट लगाना आसान नहीं था।”
अभिषेक ने हर्षित राणा की भी तारीफ की, जिन्होंने दबाव में शांत रहकर उन्हें अच्छा सहयोग दिया। दोनों ने मिलकर छठे विकेट के लिए 56 रन जोड़े।
“मुझे पता था कि हर्षित बल्लेबाज़ी कर सकता है — नेट्स में वह मुझे अक्सर छक्के मारता है। उसने मुझसे कहा, ‘थोड़ा सामान्य खेलते हैं,’ और वह बात काम कर गई। हमारा राइट-लेफ्ट कॉम्बिनेशन भी अच्छा रहा, इसी वजह से वह शिवम दूबे से पहले बल्लेबाज़ी करने आया।”
24 वर्षीय अभिषेक ने बताया कि उनका आक्रामक अंदाज़ टीम मैनेजमेंट के विश्वास से आता है।
“जब मैं खेलता हूँ, तो मेरा मकसद गेंदबाज़ पर दबाव बनाना होता है। कभी यह तरीका चलता है, कभी नहीं, लेकिन कप्तान और कोच हमेशा मेरा साथ देते हैं।”
“वे साफ कहते हैं कि मुझे अपना नैचुरल गेम खेलना चाहिए, और जब वे ऐसा कहते हैं, तो मेरा आत्मविश्वास बढ़ जाता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि टीम इंडिया के लिए खेलने के बाद उनका रवैया कैसे बदला।
“ज़िम्बाब्वे सीरीज़ के बाद मैं ज़्यादा सोचने लगा था। लेकिन जब कप्तान और कोच ने कहा कि हमें बस तुमसे फ्री होकर खेलने की उम्मीद है, तब दिमाग साफ हो गया। अब जब मैं अपने शॉट खेलता हूँ और टीम जीतती है, तो मज़ा दोगुना हो जाता है।”
तेज़ विकेटों पर खेलना अभिषेक को चुनौतीपूर्ण और रोमांचक दोनों लगा।
“एक बल्लेबाज़ के तौर पर आप हमेशा वर्ल्ड-क्लास गेंदबाज़ों का सामना करना चाहते हैं। कुछ गेंदें तो मुझे खुद हैरान कर गईं — टी20 में ऐसा बाउंस मैंने पहले कभी नहीं देखा। लेकिन मैं उस चुनौती का आनंद ले रहा था।”
पंजाब के इस बल्लेबाज़ ने अंत में भारतीय महिला टीम की भी सराहना की, जिन्होंने गुरुवार को नवी मुंबई में महिला विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को हराकर शानदार जीत दर्ज की।
“हम सब उनका मैच देख रहे थे। जिस तरह जेमिमा, हरमन और स्मृति ने परिपक्वता और टीमवर्क के साथ बल्लेबाज़ी की, वह प्रेरणादायक था। वे उस ट्रॉफी की पूरी हकदार हैं।”








