
हाल ही में रोहित शर्मा ने अपने वजन में जबरदस्त कमी और फिटनेस के प्रति नई प्रतिबद्धता के कारण सभी को चौंका दिया है।
38 वर्षीय रोहित की फिटनेस को पहले भी सवालों का सामना करना पड़ा था, खासकर उनके करियर की शुरुआती सालों में। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज़ से पहले उनकी ताज़ा तस्वीरों और ट्रेनिंग वीडियो ने फैंस और एक्सपर्ट्स दोनों को हैरान कर दिया है। अब वे पहले से कहीं ज्यादा फिट, हल्के और फुर्तीले नज़र आ रहे हैं।
रोहित के लंबे समय के ट्रेनिंग पार्टनर और भारत के पूर्व असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर ने खुलासा किया कि ओपनर ने एक कड़ा फिटनेस प्रोग्राम शुरू किया, जिसमें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और सख्त डाइट शामिल थी, ताकि उनकी फुर्ती और स्टैमिना बेहतर हो सके।
जियोस्टार पर बात करते हुए नायर ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे से 12 हफ्ते पहले ही एक नया प्लान बनाया गया था, जिसका मकसद “मेंटेनेंस नहीं, बल्कि ग्रोथ” था।
उन्होंने कहा: “शुरुआत में हमने महसूस किया कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ से पहले 12 हफ्ते हैं, तो सोचा कि कुछ अलग करें। समय था, इसलिए सिर्फ मेंटेन नहीं, बल्कि ग्रोथ पर फोकस किया गया — उनकी फिजिकल स्ट्रक्चर, मूवमेंट और खुद को आईने में देखने के नज़रिये पर। हम चाहते थे कि वो मैदान और बैटिंग में पहले से ज्यादा फिट, तेज़ और फुर्तीले महसूस करें।”
“कुछ तस्वीरें सामने आने के बाद उनके वजन पर काफी बातें हुई थीं, तो लक्ष्य उस नैरेटिव को बदलना था — उन्हें और हेल्दी, फास्ट और स्ट्रॉन्ग बनाना। ये 12 हफ्ते सिर्फ ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि डाइट और आदतों में भी मुश्किल त्याग के रहे। उन्होंने काफी बलिदान दिया है और अगर मैं कहूँ तो वो अब ‘मीन मशीन’ में बदल गए हैं।”
नायर के मुताबिक तैयारियों के पहले सात हफ्ते सिर्फ ट्रेनिंग, वज़न घटाने, मूवमेंट और फुर्ती बढ़ाने पर केंद्रित थे। आखिरी पांच हफ्तों में स्किल और मैच की तैयारी को शामिल किया गया।
उन्होंने आगे कहा: “शुरुआत में स्किल वर्क प्राथमिकता नहीं था। आखिरी पांच हफ्ते स्किल और फिटनेस को मैच-रेडिनेस के साथ मिलाने पर रहे। जब वज़न कम होता है तो मूवमेंट और पावर जेनरेशन बदलता है, इसलिए उस लय में ढलना जरूरी होता है। अंतिम चरण में स्किल, माइंडसेट और फिटनेस को एक साथ मैच के हिसाब से एडजस्ट किया गया।”
नायर ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रोहित का फ़ोकस स्पष्ट है — “प्रदर्शन करना और असर छोड़ना।”
“हर बार जब वो इंडिया की जर्सी पहनते हैं, उनका मकसद रन बनाना और टीम को जीत दिलाना होता है। ये कभी नहीं बदला है। ये सीरीज़ भी उनके लिए एक नया मौका है — मैदान पर जाकर वही असर छोड़ने का, जो वो सालों से करते आए हैं। चाहे वो कप्तान हों या न हों, रोहित शर्मा हमेशा एक ही इरादे से खेलते हैं — भारत को मैच जिताने के लिए और अपने खेल से पहचान बनाए रखने के लिए।”








