
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज अपनी सफलता और शोहरत के बावजूद ज़मीन से जुड़े रहने का श्रेय अपनी सादगी और विनम्र पृष्ठभूमि को देते हैं। हैदराबाद के एक साधारण परिवार से निकलकर भारत के टॉप पेसर बने सिराज का कहना है कि उन्हें घमंड और एटीट्यूड बिल्कुल पसंद नहीं है।
2017 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सिराज ने 2020 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (ऑस्ट्रेलिया) में टेस्ट कैप हासिल की थी। महज़ पाँच सालों में उन्होंने भारत के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर पहचान बनाई। आज वे आईपीएल के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं और गुजरात टाइटंस के लिए 12.25 करोड़ रुपये की बोली में खरीदे गए।
सिराज ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा— “जहाँ से मैं आया हूँ और जहाँ तक पहुँचा हूँ, मुझे कभी भी घमंड अच्छा नहीं लगता। मैं हमेशा ज़मीन से जुड़े रहने की कोशिश करता हूँ। मेरे वही पुराने दोस्त हैं जो बचपन में थे। आज भी मैं उन्हीं के साथ वक्त बिताता हूँ।”
उन्होंने कहा— “अब जब मैं इंडिया का खिलाड़ी बन गया हूँ तो नए दोस्त बनाकर रेंज रोवर में घूमूँ, ऐसा नहीं है। हाँ, मेरे पास रेंज रोवर है और मैं उससे घूमता हूँ, लेकिन आज भी मैं उन्हीं जगहों पर जाता हूँ जहाँ बचपन में टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करता था। उन्हीं दोस्तों के साथ चाय पीता हूँ, मस्ती करता हूँ और हँसता हूँ।”
सिराज का मानना है कि सफलता क्षणिक है और असफलता भी जीवन का हिस्सा।
“मेरे लिए मायने रखता है कि मेरे साथी खिलाड़ी और परिवार मेरे बारे में क्या सोचते हैं। दूसरों की राय मेरे लिए ज़रूरी नहीं।”
धोनी की वो सलाह जिसने बदल दिया नज़रिया
सिराज ने याद किया कि जब वे पहली बार इंडिया टीम से जुड़े थे, तो एमएस धोनी ने उन्हें एक अहम सलाह दी थी—
“धोनी भाई ने कहा था, किसी की बातों में मत आना। जब अच्छा करेगा तो पूरी दुनिया तेरे साथ होगी, और जब बुरा करेगा तो यही दुनिया तुझे गाली देगी।”
सिराज ने कहा कि ये बातें उनके दिल में घर कर गईं।
“जब आप अच्छा खेलते हो तो लोग कहते हैं ‘सिराज जैसा कोई बॉलर नहीं’। और अगले ही मैच में अगर आप अच्छा न करें तो कहते हैं ‘जा, अपने बाप के साथ ऑटो चला’। एक मैच में हीरो और अगले में जीरो। तब मैंने सोचा कि मुझे बाहरी राय की ज़रूरत ही नहीं।”
टेनिस बॉल क्रिकेट से टीम इंडिया तक
एक ऑटो ड्राइवर के बेटे सिराज का क्रिकेट खेलने का सपना कभी नहीं था। वे टेनिस बॉल मैचों में पैसे मिलने पर खेलने लगे। उन्होंने भारत अरुण (पूर्व भारत गेंदबाज़ी कोच) को श्रेय दिया कि उनकी वजह से उन्हें रणजी टीम में मौका मिला।
करियर के उतार-चढ़ाव
इंग्लैंड के एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में सिराज ने बुमराह की गैर-मौजूदगी में शानदार गेंदबाज़ी कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में उन्होंने सात विकेट लेकर भारत की पारी और 140 रन की जीत में अहम योगदान दिया।
अब सिराज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ (19 अक्टूबर से) की 15 सदस्यीय टीम में शामिल हैं, जबकि उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी टीम से बाहर रखा गया था।








