गौतम गंभीर ने टीम इंडिया में भरी ‘स्पार्टन मानसिकता’, वरुण चक्रवर्ती का खुलासा!

रहस्यमयी स्पिनर कहे जाने वाले वरुण चक्रवर्ती ने टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर की तुलना “स्पार्टन” से की है। उनका कहना है कि गंभीर ने टीम को ऐसी सोच दी है जहाँ औसत प्रदर्शन की कोई जगह नहीं और हार कोई विकल्प नहीं होती।

केकेआर में गंभीर के साथ काम कर चुके चक्रवर्ती ने मंगलवार को भारतीय टीम के साथ उनके कोचिंग स्टाइल पर बात की।

उन्होंने कहा, “मैं पहले ही आईपीएल में उनके साथ काम कर चुका हूँ और हम 2024 में खिताब भी जीते थे, तो मेरे लिए यह नया नहीं है क्योंकि मैं पहले से उनके आसपास रहा हूँ।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन एक बात जो मैं उनके बारे में ज़रूर कह सकता हूँ, वो टीम में स्पार्टन मानसिकता लाते हैं जहाँ हार का कोई विकल्प नहीं होता। आपको मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देना ही होता है और फिर जो होना है वो होता है।”

“जब वो आसपास होते हैं तो मीडियोक्रिटी (औसतपन) की कोई जगह नहीं होती। आप मैदान पर साधारण नहीं हो सकते—यही मैं महसूस करता हूँ,” उन्होंने कहा।

चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें ‘मिस्ट्री स्पिनर’ कहे जाने का टैग मीडिया ने दिया है, उन्होंने खुद को कभी ऐसा नहीं कहा।

उन्होंने कहा, “मैंने कभी खुद को मिस्ट्री बोलर नहीं कहा। मीडिया ने मुझे ऐसा नाम दिया है। अगर आप मुझे रहस्यमयी स्पिनर कहना चाहते हैं, तो ठीक है।”

“लेकिन बस इतना है कि मैं एक ही ग्रिप और एक ही रिलीज पॉइंट से सभी तरह की गेंदें फेंक सकता हूँ। यही बात बल्लेबाज़ों के लिए मुझे समझना मुश्किल बनाती है,” उन्होंने कहा।

एशिया कप विवाद पर बात करते हुए, जहाँ भारत ने खिताब जीता लेकिन खिलाड़ी मेडल या ट्रॉफी लिए बिना वापस लौटे, चक्रवर्ती ने बताया कि टीम पूरी तरह एकाग्र थी और बाहरी बातों को अनदेखा कर रही थी।

उन्होंने कहा, “हम मैच से पहले ही प्लान बनाते हैं और फाइनल से पहले हम पाकिस्तान से दो बार खेल चुके थे, तो हमें काफी अंदाज़ा था कि वो क्या प्लान ला सकते हैं। हमने भी अपनी रणनीति तैयार की थी और वो काम आई।”

“हमारा पहला लक्ष्य कप जीतना था, बाकी चीज़ें देखने का नहीं। हमारा फ़ोकस था कि हम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहें ताकि वर्ल्ड कप के लिए हमारा आत्मविश्वास और मजबूत हो,” उन्होंने कहा।

उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली थी।

“लगभग सभी खिलाड़ियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर रखे थे। केवल मैच के बाद पोस्ट करने की ज़रूरत होती तो आते थे। यूएई में माहौल शांत था, भारत में क्या हो रहा था इसका हमें अंदाज़ा नहीं था,” उन्होंने कहा।

कुलदीप यादव के साथ गेंदबाज़ी करने के अनुभव पर चक्रवर्ती बोले:

“हम एक-दूसरे को पूरा करते हैं। मैं करीब 95 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से गेंदबाज़ी करता हूँ और वो लगभग 85 की रफ़्तार से। उसका टर्न और रेव्स ज्यादा होते हैं जबकि मेरे पास स्पीड और बाउंस है। अब तक सब ठीक चल रहा है और उम्मीद है कि वर्ल्ड कप में भी ऐसा ही होगा।”

भारतीय टीम में वापसी का श्रेय उन्होंने गंभीर और टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव को दिया।

उन्होंने कहा, “जब मैं वापस आया तो सूर्या और जीजी (गंभीर) ने कहा कि वो मुझे टीम का विकेट-टेकर मान रहे हैं और उन्होंने मुझे पूरा बैक किया। इसके लिए मुझे उन्हें क्रेडिट देना होगा।”

“मैं तीन साल से टीम से बाहर था, लेकिन लगातार दो अच्छे आईपीएल खेले। उन्होंने उसे पहचाना और मुझे वापस टीम में लाए—यह मेरे लिए बड़ी बात थी,” चक्रवर्ती ने कहा।

उन्होंने बताया कि उनका रोल स्पष्ट है—“मेरा काम विकेट लेना है, स्टंप्स पर हमला करना है और कुछ नहीं। मुश्किल ओवर जैसे पावरप्ले, डेथ का एक ओवर और बीच के दो ओवर—यही मेरी भूमिका है और मैं इसे खुशी से निभाता हूँ।”

34 वर्षीय चक्रवर्ती ने बताया कि गंभीर चाहते हैं कि वह अपनी बल्लेबाज़ी सुधारें ताकि वनडे टीम में चयन की संभावना बढ़े।

उन्होंने कहा, “हमारी बातचीत इस पर हुई है कि लंबे स्पेल फेंकना सीखूँ क्योंकि टी20 में आप अधिकतम दो ओवर लगातार डालते हैं, लेकिन वनडे में पांच-छह ओवर लगातार डालने पड़ते हैं। मैंने इस पर काम किया और चैंपियंस ट्रॉफी में ऐसा कर पाया।”

“वो चाहते हैं कि मैं डोमेस्टिक क्रिकेट में थोड़े ऊपर बल्लेबाज़ी करूँ और अपनी बैटिंग सुधारूँ,” उन्होंने कहा।