एमएस धोनी का बीसीसीआई में संभावित कदम : टी20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले क्रिकेटिंग माइंडसेट की मांग !

भारत के पूर्व कप्तान और दो बार के वर्ल्ड कप विजेता महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से एक बड़ी भूमिका की पेशकश किए जाने की खबर है। CricBlogger की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान मिली उनकी छोटी सी मेंटरशिप भूमिका के विपरीत, इस बार धोनी को एक व्यापक मेंटरशिप जॉब की पेशकश की गई है।

भारतीय क्रिकेट को और मज़बूत बनाने के लिए, दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई अब धोनी को सभी टीमों—जूनियर और महिला क्रिकेट सहित—में मेंटरिंग भूमिका देना चाहता है। बीसीसीआई का मानना है कि धोनी की तेज़ क्रिकेटिंग समझ अगली पीढ़ी के सितारों को निखारने में अहम साबित होगी। रिपोर्ट में एक बीसीसीआई सूत्र ने खुलासा किया, “धोनी को फिर से भारतीय क्रिकेट का मेंटर बनने की पेशकश की गई है।”

2020 में राष्ट्रीय टीम से संन्यास लेने के बाद भी धोनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित शख्सियत हैं। बीसीसीआई का मानना है कि युवाओं को गाइड करने में उनकी भूमिका भविष्य के भारतीय क्रिकेटरों को गढ़ने में बेहद महत्वपूर्ण होगी।

धोनी, जो अभी भी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए खेलते हैं, रिटायरमेंट के बाद से बीसीसीआई के कामकाज से दूर ही रहे हैं। अन्य क्रिकेटरों के विपरीत, धोनी बेहद लो प्रोफाइल रहते हैं और शायद ही कभी बड़े इवेंट्स के अलावा सार्वजनिक रूप से दिखते हैं।

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या एमएस धोनी बीसीसीआई का यह ऑफर स्वीकार करेंगे? और क्या कोई उन्हें इसके लिए मना भी पाएगा? रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी की भागीदारी आसान नहीं होगी, खासकर तब जब गौतम गंभीर वर्तमान में भारतीय टीम के हेड कोच हैं। धोनी की स्वतंत्र और अनोखी शख्सियत उन्हें सेटअप से जोड़ने में चुनौतीपूर्ण बना सकती है।

आखिरी बार धोनी ने 2021 टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को मेंटर करने का ऑफर स्वीकार किया था। उस वक्त माना गया था कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने उन्हें मनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। दिलचस्प बात यह है कि उसी साल गांगुली के प्रभाव से रोहित शर्मा को भारतीय टीम का कप्तान भी बनाया गया था।

हालाँकि, Conflict of Interest (हितों का टकराव) भी एक अहम कारण हो सकता है जिससे धोनी इस बार सोच में पड़ सकते हैं। आने वाले सीज़न में उनसे आईपीएल में सीएसके के लिए खेलने की उम्मीद है। ऐसे में अगर धोनी बीसीसीआई का ऑफर स्वीकार करते हैं, तो हितों के टकराव की स्थिति बन सकती है, जिसे वह टालना चाहेंगे।