
पांचवें टेस्ट के आखिरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 35 रन चाहिए थे और उनके पास चार विकेट बचे थे, लेकिन पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि कैप्टन बेन स्टोक्स की गैरमौजूदगी में इंग्लैंड घबरा गया और उन्होंने मौके को गंवा दिया।
भारत ने इस रोमांचक मुकाबले में शानदार वापसी करते हुए सोमवार को पांच मैचों की सीरीज़ को 2-2 से बराबरी पर खत्म किया, जहां इंग्लैंड सिर्फ 6 रन से हार गया।
वॉन ने BBC के टेस्ट मैच स्पेशल पर कहा:
“अगर इस टीम में बेन स्टोक्स होते, तो इंग्लैंड यह टेस्ट मैच जीत जाता। वह इस टीम के लिए बहुत बड़ा रोल निभाते हैं, खासकर मानसिकता के मामले में… इंग्लैंड घबरा गया (पांचवें दिन सुबह)। बस एक साझेदारी की ज़रूरत थी। लेकिन वो जिस तरह खेलते हैं, उसी अंदाज़ में वो घबरा भी जाते हैं — बहुत आक्रामकता के साथ खेलते हैं। रविवार दोपहर हैरी ब्रूक का आउट होना उस पतन की शुरुआत था। लेकिन यही इंग्लैंड का खेल है।”
इस मैच में जॉफ्रा आर्चर और ब्रायडन कार्स को आराम दिया गया था, जबकि बेन स्टोक्स कंधे की चोट के कारण आखिरी टेस्ट नहीं खेल पाए — जो इंग्लैंड के लिए बल्ले और गेंद दोनों से अहम खिलाड़ी हैं।
वॉन का कहना है कि भारत के खिलाफ ये रोमांचक सीरीज़ नवंबर में शुरू होने वाली एशेज सीरीज़ के लिए एक परफेक्ट प्रीव्यू रही है।
“ये पांचों मैच इंग्लैंड के लिए शानदार रहे। हकीकत यही है कि इस हफ्ते टीम 10 खिलाड़ियों पर खेल रही थी, एक बॉलर शुरुआती समय में ही बाहर हो गया, और ऊपर से बेन स्टोक्स भी नहीं थे।
ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम अब पहले से ज्यादा तैयार दिख रही है। जब हम पर्थ पहुंचेंगे पहले टेस्ट के लिए, तो टॉप-7 प्लेयर तय होंगे। बस बॉलिंग अटैक को लेकर फाइनल फैसला लेना होगा। साफ है कि बेन स्टोक्स का फिट होना बेहद ज़रूरी है। उनके साथ इंग्लैंड किसी को भी हरा सकता है, और उनके बिना किसी से भी हार सकता है।”
मैच के चौथे दिन हैरी ब्रूक और जो रूट ने इंग्लैंड को 301/3 तक पहुंचा दिया था और लग रहा था कि जीत दूर नहीं। लेकिन ब्रूक, आकाश दीप की गेंद पर मोहम्मद सिराज के हाथों कैच आउट हो गए। दिन खत्म होते-होते इंग्लैंड दो और विकेट गंवा चुका था, जिनमें रूट का विकेट भी शामिल था।
वॉन ने हैरी ब्रूक की बल्लेबाजी शैली को लेकर कहा:
“(हैरी) ब्रूक का माइंडसेट था कि वो तेजी से 30-40 रन बना ले। लेकिन उन्हें यह सीखना होगा कि एशेज सीरीज़ में, अगर ऐसी ही स्थिति होती है, तो बस जीत की सोचो।
मैं उसके खेलने के अंदाज़ को पसंद करता हूं — उसका एप्रोच, कभी-कभी तो वो जीनियस की तरह खेलता है। वो जिस अंदाज़ में खेलता है, वैसा बहुत कम लोग करते हैं। मैं उसकी पॉज़िटिविटी और फ्लैम्बॉयंस छीनना नहीं चाहता। लेकिन अगर सिडनी में इंग्लैंड 2-1 से आगे है, तो ‘डिग इन हैरी’ यानी टिक कर खेलो।”