
मोहम्मद सिराज, जिन्होंने हाल के समय में पारंपरिक फॉर्मेट में सबसे बड़ी ‘हाइस्ट’ में से एक को अंजाम दिया, का मानना है कि वो भारत के लिए कभी भी टेस्ट मैच जिता सकते हैं। उनके शब्दों में “नामुमकिन” जैसा कोई शब्द ही नहीं है।
“मैं सुबह उठा, गूगल चेक किया और एक ‘बिलीव’ (Believe) इमोजी वाली वॉलपेपर निकाली और खुद से कहा कि मैं आज देश के लिए ये करूंगा,” सिराज ने सोमवार को द ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत को छह रन की ऐतिहासिक जीत दिलाने के बाद कहा।
तेलंगाना पुलिस के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) सिराज ने इस सीरीज़ में जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में 185.3 ओवर फेंकते हुए 23 विकेट झटके। और ये जीत भारत के लिए आने वाली पीढ़ियों की यादों में बस जाने वाली रही।
“मैं हमेशा मानता हूं कि मैं किसी भी स्थिति से मैच जिता सकता हूं, और मैंने वही सोचा आज सुबह,” सिराज ने जियो हॉटस्टार के पोस्ट-मैच इंटरव्यू में दिनेश कार्तिक से बातचीत में कहा।
सिराज ने 30.1 ओवर में 104 रन देकर 5 विकेट लिए और पूरे मैच में कुल 9 विकेट चटकाए, लगातार इंग्लिश बल्लेबाज़ों के लिए सिरदर्द बने रहे।
“मेरा एक ही प्लान था—अच्छी लेंथ में बॉलिंग करना। फर्क नहीं पड़ता था कि विकेट मिल रहे हैं या रन जा रहे हैं,” उन्होंने कहा।
चौथे दिन, जब हैरी ब्रूक 19 रन पर थे, तब सिराज ने उनका कैच लेने की कोशिश की, लेकिन उनके पैर बॉउंड्री रोप से छू गए। ब्रूक के शानदार शतक ने उस समय मैच को इंग्लैंड की तरफ झुका दिया था।
“मुझे नहीं लगा था कि मेरा पैर कुशन को छू जाएगा जब मैंने कैच लिया। वो एक मैच-चेंजिंग पल था। ब्रूक ने फिर टी20 मोड ऑन कर लिया। उस वक्त हमें लगा हम मैच हार रहे हैं। लेकिन शुक्र है भगवान का। मुझे लगा था मैच हाथ से निकल गया,” सिराज ने बताया।
आखिरी दिन का खेल शुरू होने से पहले इंग्लैंड को जीत के लिए सिर्फ 35 रन चाहिए थे और उनके पास 4 विकेट बचे थे, लेकिन सिराज ने पहली गेंद से ही बल्लेबाज़ों को सांस नहीं लेने दी।
आखिरकार, प्रसिध कृष्णा के दूसरे छोर से मिले अच्छे समर्थन के साथ सिराज के प्रयास ने इंग्लैंड को बेहद कम अंतर से हराकर भारत को पांच मैचों की इस रोमांचक सीरीज़ में 2-2 की बराबरी दिला दी।