
एशिया कप से श्रेयस अय्यर को बाहर किए जाने के बाद शुरू हुए विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर सदागोप्पन रमेश ने हेड कोच गौतम गंभीर पर पक्षपात करने और फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ का साथ न देने का आरोप लगाया है।
इंग्लैंड में नए कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में भारत की हालिया 2-2 की टेस्ट सीरीज़ ड्रॉ को लेकर रमेश ने अपने यूट्यूब चैनल पर दावा किया कि इसका गलत नैरेटिव तैयार किया जा रहा है।
रमेश ने कहा कि इसे बड़ी उपलब्धि बताना ज़्यादा चढ़ा-चढ़ाकर पेश करना है, क्योंकि पिछले साल भी गंभीर की कोचिंग में भारत टेस्ट मैचों में संघर्ष करता रहा। उन्होंने फैंस को याद दिलाया कि भारत की विदेशी सरज़मीं पर सफलता विराट कोहली-रवि शास्त्री युग में शुरू हुई थी।
“गंभीर उन्हीं खिलाड़ियों को बैक करते हैं जिन्हें वो पसंद करते हैं, और जिन्हें नहीं करते उन्हें पूरी तरह छोड़ देते हैं। लगातार विदेशी जीत कोहली और शास्त्री के जमाने में ही शुरू हो चुकी थी। लेकिन अब इंग्लैंड में ड्रॉ हुई सीरीज़ को गंभीर की बड़ी उपलब्धि की तरह दिखाया जा रहा है।” – रमेश
रमेश ने गंभीर पर अय्यर को सपोर्ट न करने का आरोप लगाया, जबकि वही उनके सबसे बड़े खिताब – चैंपियंस ट्रॉफी – की जीत के हीरो रहे थे।
“गंभीर की सबसे बड़ी उपलब्धि अब तक चैंपियंस ट्रॉफी जीत ही है, और उस सफलता का सबसे बड़ा कारण श्रेयस अय्यर थे। फिर भी गंभीर उन्हें सपोर्ट नहीं कर रहे। यशस्वी जायसवाल जैसे एक्स-फैक्टर खिलाड़ी को सभी फॉर्मेट में खेलना चाहिए, उन्हें स्टैंडबाय में रखना ग़लत फैसला है।” – रमेश
अय्यर की मौजूदा फॉर्म पर ज़ोर देते हुए रमेश ने कहा: “श्रेयस अय्यर ने उसी यूएई में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान कमाल का प्रदर्शन किया था और उन्हें भारत की व्हाइट-बॉल टीमों का स्थायी हिस्सा होना चाहिए।”
उन्होंने आगे जोड़ा: “खिलाड़ियों को तब बैक करना चाहिए जब वो आत्मविश्वास और फॉर्म में हों, न कि तब जब वो फीके पड़ जाएं। अय्यर के आत्मविश्वास के इस आसमान छूते दौर का फ़ायदा उठाने का यही सही समय है।” – रमेश