
भारतीय टी20 टीम ने एशिया कप 2025 के लिए संजू सैमसन और जितेश शर्मा को दो विकेटकीपर के रूप में चुना है। संजू सैमसन पिछले एक साल से टीम इंडिया के लिए बतौर विकेटकीपर-ओपनर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर, जितेश शर्मा ने अब तक भारत के लिए सिर्फ 9 टी20 इंटरनेशनल खेले हैं, जिनमें से आखिरी जनवरी 2024 में हुआ था। हालांकि, शुबमन गिल को उप-कप्तान बनाए जाने के बाद यह लगभग तय है कि वह एशिया कप 2025 में ओपनिंग करेंगे। ऐसे में सैमसन की जगह पर खतरा मंडरा रहा है, जबकि जितेश शर्मा, जो सैमसन की तरह टॉप ऑर्डर के बजाय निचले क्रम में भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं, टीम को एक अलग विकल्प देते हैं।
आईपीएल में दोनों की भूमिकाएँ
संजू सैमसन और जितेश शर्मा अपनी-अपनी आईपीएल टीमों के लिए बिल्कुल अलग भूमिकाएँ निभाते हैं।
संजू सैमसन (राजस्थान रॉयल्स के कप्तान) ने ज्यादातर करियर टॉप ऑर्डर में बल्लेबाज़ी करते हुए अपनी टीम के लिए मजबूत नींव रखी और रन बनाए।
जितेश शर्मा (आरसीबी) एक फिनिशर हैं, जिन्हें सीमित गेंदें खेलने का मौका मिलता है, लेकिन उनकी जिम्मेदारी टीम को अहम मौकों पर तगड़ा फिनिश देना होती है। इसलिए उनके स्ट्राइक रेट को उनके रन से ज्यादा महत्व दिया जाता है।
आईपीएल 2025 का प्रदर्शन
संजू सैमसन ने ओपनिंग करते हुए जितेश से सिर्फ 24 रन ज्यादा बनाए। हालांकि उनका एवरेज और स्ट्राइक रेट ठीक रहा, लेकिन उनसे बड़ी पारियों की उम्मीद थी, जिसे वे निभा नहीं सके।
जितेश शर्मा ने लोअर मिडिल ऑर्डर में कई प्रभावी पारियाँ खेलीं। उन्होंने एलएसजी के खिलाफ नाबाद 85 रन जड़कर आरसीबी को टॉप-2 में पहुँचाया और फाइनल में सिर्फ 10 गेंदों पर 24 रन बनाकर टीम के स्कोर को बढ़ाया। इस लिहाज़ से देखा जाए तो आईपीएल 2025 में जितेश का प्रदर्शन संजू से बेहतर माना जा सकता है क्योंकि उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में टीम को संभाला।
करियर आँकड़े
संजू सैमसन ने अब तक 177 आईपीएल मैचों में करीब 5000 रन बनाए हैं, 30 की औसत और लगभग 140 के स्ट्राइक रेट के साथ। वे लीग इतिहास के सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज़ों में गिने जाते हैं और कई बार अपनी टीम को मैच जिताया है।
जितेश शर्मा ने अब तक 55 आईपीएल मैच खेले हैं, जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक लगाया है। उनका स्ट्राइक रेट लगभग 160 है, जो बतौर फिनिशर बेहद अहम है। हालांकि, पिछले चार सीज़नों में उनका प्रदर्शन अस्थिर रहा है और वे भविष्य में और बेहतर करने की उम्मीद रखते हैं।
निष्कर्ष
साफ़ तौर पर आँकड़ों की बात करें तो संजू सैमसन का अनुभव और रिकॉर्ड जितेश शर्मा से कहीं मजबूत है। सैमसन ने खुद को सालों से साबित किया है, जबकि जितेश अब अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं। दोनों की भूमिकाएँ अलग हैं—सैमसन टॉप ऑर्डर के स्तंभ हैं तो जितेश निचले क्रम के फिनिशर। लेकिन अगर चुनाव करना पड़े तो सैमसन का रिकॉर्ड और भरोसेमंद प्रदर्शन जितेश से भारी पड़ता है।