
भारतीय बल्लेबाज़ रिंकू सिंह ने माना कि उन्हें 2025 एशिया कप टीम में चुने जाने की उम्मीद नहीं थी। यूपी टी20 लीग के दौरान RevSportz से बात करते हुए रिंकू ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हालिया खराब फ़ॉर्म के चलते उन्हें अपने चयन पर संदेह था।
रिंकू ने भारतीय टीम में चुने जाने के बाद अपना पहला टी20 शतक जड़ा। बल्लेबाज़ ने मेरठ मैवरिक्स को 168 रन के लक्ष्य तक पहुँचाने में मदद की और सही समय पर अपनी फ़ॉर्म हासिल की। रिंकू की पारी तब आई जब मेरठ शुरुआती आठ ओवरों में लगातार चार विकेट गंवाकर मुश्किल में था।
रिंकू ने कहा – “मुझे एशिया कप की लिस्ट में अपना नाम देखकर प्रेरणा मिली। पिछले साल मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था और मुझे लगा कि शायद मैं बाहर हो जाऊँगा। लेकिन चयनकर्ताओं ने मुझ पर भरोसा जताया और मुझे चुना, जिससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। यूपी टी20 लीग में खेली गई इस पारी से मेरा आत्मविश्वास और मजबूत हुआ है और मैं उसे आगे ले जाऊँगा।”
खुद को एक फिनिशर मानने वाले रिंकू का कहना है कि उनकी कभी-कभी गेंदबाज़ी करने की क्षमता ने भी चयन में मदद की। उनका मानना है कि आजकल चयनकर्ता बहुआयामी खिलाड़ियों को तरजीह दे रहे हैं।
रिंकू बोले – “आज गेंदबाज़ी बहुत ज़रूरी है। चयनकर्ता चाहते हैं कि खिलाड़ी टीम में कई भूमिकाएँ निभा सके। अगर आप बल्ले से असर नहीं डाल पा रहे हैं तो गेंद से डालो।”
रिंकू ने कोलकाता नाइट राइडर्स और भारतीय टीम के साथ अपने अनुभव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि डेथ ओवरों में उनकी बल्लेबाज़ी की तारीफ़ ने शायद उन्हें केवल फिनिशर की भूमिका में बांध दिया है। रिंकू ने दावा किया कि वे बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर भी खेल सकते हैं और हर भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
“मैंने 2023 में नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी की थी। मुझे नंबर 7 और 8 पर बल्लेबाज़ी करना अच्छा नहीं लगता, लेकिन यह टीम की ज़रूरत है, तो आपको उसी रोल में प्रदर्शन करना पड़ता है। मैंने भारतीय टीम के लिए 33 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और तीन अर्धशतक लगाए हैं। मैं हर जगह बल्लेबाज़ी कर सकता हूँ, सिर्फ़ फिनिशर की भूमिका तक सीमित नहीं हूँ।” – रिंकू
हाल ही में यूपी टी20 लीग के एक मैच में रिंकू ने सिर्फ़ 48 गेंदों पर नाबाद 108 रन ठोक दिए। इस पारी में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने आठ छक्के और सात चौके जड़े। खासतौर पर 18वें और 19वें ओवर में उन्होंने अब्दुल रहमान और वासु वत्स की धुनाई की, जहाँ उनकी पारी के पाँच छक्के आख़िरी छह गेंदों में आए।
शायद यह शतक बिल्कुल सही समय पर आया, क्योंकि यह रिंकू सिंह के करियर का पहला टी20 शतक था। हाल के निराशाजनक प्रदर्शन के चलते वे एशिया कप के लिए भारतीय टीम से बाहर होने के खतरे में थे।