गावस्कर ने मोहम्मद सिराज की तारीफ की, ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ पर उठाए सवाल!

भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने वर्कलोड मैनेजमेंट जैसी बातें हमेशा के लिए झूठ साबित कर दी हैं। गावस्कर ने इस सोच पर सवाल उठाया कि जब कोई देश के लिए खेल रहा हो, तो उसे थकान और दर्द भूल जाना चाहिए — ठीक वैसे ही जैसे हमारी सीमाओं पर तैनात सैनिक रोज़ाना करते हैं।

हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खत्म हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ (जो ड्रॉ रही) में, सिराज ने सभी पांच मैच खेले, कुल 185.3 ओवर फेंके और 23 विकेट चटकाए।

वहीं दूसरी ओर, वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत भारत के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेल सके और पांचवां अहम टेस्ट (ओवल में) मिस किया।

हालांकि गावस्कर ने साफ किया कि उनकी आलोचना बुमराह को लेकर नहीं है, क्योंकि उनका मामला ‘इंजरी मैनेजमेंट’ से जुड़ा था।

गावस्कर ने ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए कहा: “जब आप अपने देश के लिए खेल रहे होते हैं, तो दर्द और थकान जैसी चीजें भूल जानी चाहिए। बॉर्डर पर खड़े जवान क्या ठंड की शिकायत करते हैं? ऋषभ पंत ने क्या कर दिखाया था? फ्रैक्चर होने के बावजूद बैटिंग करने उतरे। यही आप उम्मीद करते हैं अपने खिलाड़ियों से। भारत के लिए क्रिकेट खेलना एक सम्मान है।”

उन्होंने आगे कहा: “आप 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं, और यही हमें मोहम्मद सिराज में देखने को मिला। उसने दिल खोलकर गेंदबाज़ी की और वर्कलोड जैसी थ्योरी को गलत साबित कर दिया।”

“पांच टेस्ट मैचों में लगातार 7-8 ओवर के स्पेल डाले, क्योंकि कप्तान को उनकी ज़रूरत थी, और देश को उनसे उम्मीदें थीं।”

गावस्कर का मानना है कि सिर्फ वर्कलोड के नाम पर सर्वश्रेष्ठ टीम को मैदान में ना उतारना ठीक नहीं है।

“अगर आप उन लोगों के दबाव में आ जाएंगे जो वर्कलोड-वाले तर्क देते हैं, तो फिर आप कभी भी अपनी बेस्ट इलेवन नहीं उतार पाएंगे,”

“मैं तो चाहता हूं कि ‘वर्कलोड’ शब्द को भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से ही हटा दिया जाए। मैं ये बहुत समय से कह रहा हूं। हमें ये समझना होगा कि वर्कलोड ज़्यादातर मानसिक चीज़ है, शारीरिक नहीं।”